5 Essential Elements For sidh kunjika
देवी माहात्म्यं चामुंडेश्वरी मंगलम्
न सूक्तं नापि ध्यानम् च न न्यासो न च वार्चनम् ॥ २ ॥
देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति अष्टमोऽध्यायः
न तस्य जायते सिद्धिररण्ये रोदनं यथा ॥ १५ ॥
शृणु देवि प्रवक्ष्यामि कुंजिकास्तोत्रमुत्तमम्।
श्री अन्नपूर्णा अष्टोत्तरशत नाम्स्तोत्रम्
देवी वैभवाश्चर्य अष्टोत्तर शत नामावलि
दकारादि श्री दुर्गा सहस्र नाम स्तोत्रम्
देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति दशमोऽध्यायः
धां धीं धू धूर्जटे: पत्नी वां वीं वूं वागधीश्वरी।
श्री महिषासुर मर्दिनी स्तोत्रम् (अयिगिरि नंदिनि)
कभी उड़ान नहीं भर पाएगी जेट एयरवेज, सुप्रीम कोर्ट ने एयरलाइन के ऐसेट्स बेचने का दिया आदेश
On chanting on the whole, Swamiji claims, “The greater we recite, the more we pay attention, and the more we attune ourselves for the vibration of what is becoming mentioned, get more info then the more we will inculcate that attitude. Our intention amplifies the attitude.”
श्री महिषासुर मर्दिनी स्तोत्रम् (अयिगिरि नंदिनि)